महाभारत का अंतिम अध्याय: काल्कि 2898 ईस्वी
प्रभास की बहुप्रतीक्षित फिल्म “काल्कि 2898 ईस्वी” के निर्माताओं ने हाल ही में प्रील्यूड का पहला एपिसोड जारी किया, जिसमें निर्देशक नाग अश्विन ने फिल्म के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी साझा की। नाग अश्विन ने बताया कि उनके बचपन में ‘पाथाला भैरवी’ और ‘आदित्य 369’ जैसी फिल्मों ने उनकी जिज्ञासा को बढ़ाया और उनकी कल्पना को प्रेरित किया।
नाग अश्विन ने कहा, “जब मैंने ‘स्टार वॉर्स’ जैसी हॉलीवुड फिल्में देखीं, तो मुझे थोड़ी निराशा हुई क्योंकि हमारे पास भी भारत में इतनी महान कहानियां हैं। हमारे महाकाव्यों के अनुसार, महाभारत सबसे बड़ा युद्ध है जिसमें सबसे अधिक पात्र होते हैं और यह कृष्णावतार के साथ समाप्त होता है। द्वापर युग कैसे समाप्त हुआ और यह कलियुग कैसे शुरू हुआ, यह एक ऐसा विचार है जिस पर काम करने लायक है।”
उन्होंने आगे बताया कि इस फिल्म को बनाने का विचार उनके मन में काफी समय से था। “कहानी का विचार मेरे दिमाग में बहुत समय से था। मैंने हमेशा सोचा कि हमारी भारतीय पौराणिक कथाओं में इतनी गहराई और विविधता है कि उन्हें बड़े परदे पर दिखाना चाहिए। ‘काल्कि 2898 ईस्वी’ का विचार भी ऐसा ही एक प्रयास है, जिसमें हम एक पौराणिक कथा को भविष्य की विज्ञान कथा के साथ जोड़ रहे हैं।”
नाग अश्विन ने आगे कहा, “दुनिया में कोई भी इस कहानी से जुड़ सकता है। ‘काल्कि 2898 ईस्वी’ मूल रूप से सभी भारतीय महाकाव्यों का अंतिम अध्याय है। हर युग में काली (दानव) अलग-अलग रूपों में उपस्थित रहता है, जैसे रावण और धुर्योधन। इस अंतिम युग में काली कैसे दिखेगा? हमारे पास यह विचार था, और इस पर पटकथा लिखने में 5 साल लगे। हमें यह जानने की बहुत जिज्ञासा है कि लोग इस फिल्म को कैसे प्रतिक्रिया देंगे, जो पौराणिक कथाओं और विज्ञान कथा का मिश्रण है।”
उन्होंने कहा कि फिल्म में न केवल अद्भुत विजुअल इफेक्ट्स होंगे, बल्कि इसमें एक गहरी और जटिल कहानी भी होगी। “हमने इस फिल्म को बनाने में बहुत मेहनत की है। हमारी टीम ने कई सालों तक शोध किया है और विभिन्न पौराणिक ग्रंथों का अध्ययन किया है ताकि हम कहानी को यथासंभव सटीक और रोचक बना सकें।”
फिल्म में प्रमुख भूमिका निभा रहे प्रभास ने भी अपने अनुभव साझा किए। “यह फिल्म मेरे लिए बहुत खास है। नाग अश्विन के निर्देशन में काम करना एक अद्भुत अनुभव रहा है। ‘काल्कि 2898 ईस्वी’ की कहानी बहुत गहरी और प्रेरणादायक है, और मुझे विश्वास है कि यह दर्शकों को बहुत पसंद आएगी।”
फिल्म के अन्य प्रमुख कलाकारों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। फिल्म में नायिका की भूमिका निभा रही अभिनेत्री ने कहा, “यह फिल्म हमारे समय की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। कहानी, विजुअल्स और संगीत सभी कुछ अविश्वसनीय हैं।”
नाग अश्विन ने यह भी खुलासा किया कि फिल्म की शूटिंग के दौरान टीम ने कई चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना किया। “हमने कई अलग-अलग स्थानों पर शूटिंग की है, और हर स्थान पर हमें कुछ नई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन पूरी टीम ने बहुत मेहनत की और सभी समस्याओं का समाधान किया।”
“काल्कि 2898 ईस्वी” की रिलीज़ का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है। फिल्म की पहली झलक ने ही लोगों के बीच उत्साह बढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि फिल्म जब बड़े परदे पर आएगी तो किस तरह का जादू बिखेर पाएगी। दर्शकों को यह देखने का इंतजार है कि नाग अश्विन की यह महत्वाकांक्षी परियोजना भारतीय पौराणिक कथाओं और विज्ञान कथा का कितना प्रभावी मिश्रण पेश कर पाएगी।