नितीश कुमार-थुलासीमति मुरुगेसन ने पैरा ओलंपिक्स 2024 में ऑल-इंडिया पैरा बैडमिंटन मुकाबला जीता
भारत के नितीश कुमार और थुलासीमति मुरुगेसन ने गुरुवार को पैरा ओलंपिक खेलों के बैडमिंटन मिक्स्ड डबल्स (SL3-SU5) के शुरुआती ग्रुप स्टेज मैच में अपने देशवासियों सुहास यथिराज और पलक कोहली को हराने में कोई खास मुश्किल नहीं झेली। नितीश-थुलासीमति की जोड़ी ने ग्रुप ए के मुकाबले को 21-14, 21-17 के स्कोर से 31 मिनट में जीत लिया। यह जीत दोनों खिलाड़ियों के लिए उनके भविष्य के मुकाबलों में आत्मविश्वास बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
खेल की शुरुआत और पहले गेम की चुनौती
पहला गेम शुरू होते ही नितीश और थुलासीमति ने अपनी रणनीति को साफ कर दिया कि वे इस मुकाबले में पूरी तरह से हावी रहेंगे। हरियाणा के करनाल जिले से आने वाले 29 वर्षीय नितीश, जो पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपना जलवा बिखेर चुके हैं, ने अपने अनुभव और कौशल का भरपूर उपयोग किया। वहीं, तमिलनाडु से पशु चिकित्सा विज्ञान की छात्रा और युवा खिलाड़ी थुलासीमति ने नितीश का बखूबी साथ दिया। दोनों खिलाड़ियों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को कोई मौका नहीं दिया और खेल के शुरुआती क्षणों में ही 7 अंकों की बढ़त हासिल कर ली।
सुहास और पलक की कोशिशें और उनकी मुश्किलें
दूसरी तरफ, सुहास यथिराज और पलक कोहली, जो भी अपने आप में काबिल खिलाड़ी हैं, ने भी अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन नितीश और थुलासीमति के बेहतरीन नेट खेल और गहरे टॉस का सामना करना उनके लिए कठिन साबित हुआ। वे बार-बार अपने कदमों को सही दिशा में नहीं ले जा पा रहे थे और इसका परिणाम यह हुआ कि 14 मिनट में ही उन्होंने पहला गेम 21-14 के अंतर से गंवा दिया।
दूसरा गेम और पलक की चुनौती
दूसरे गेम में भी कुछ ज्यादा बदलाव नहीं हुआ। पलक, जो अपने वरिष्ठ साथी सुहास के साथ खेल रही थीं, स्पष्ट रूप से कोर्ट पर तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस कर रही थीं। हालांकि, उन्होंने कई मौकों पर वापसी करने की कोशिश की, लेकिन नितीश और थुलासीमति की जोड़ी ने उन्हें कोई अवसर नहीं दिया। खेल के इस हिस्से में पलक की कुछ गलतियों ने उनके लिए और भी मुश्किलें खड़ी कर दीं, जिससे नितीश और थुलासीमति को आसानी से अंक मिलते रहे। अंततः, दूसरा गेम भी 21-17 के स्कोर से उनके नाम हो गया।
नितीश-थुलासीमति की जोड़ी का भविष्य
इस जीत के बाद नितीश और थुलासीमति की जोड़ी ने अपने अगले मुकाबलों के लिए एक मजबूत संदेश दिया है। उनकी खेल में दिखी सामंजस्यता और समझ उन्हें इस टूर्नामेंट में एक मजबूत दावेदार के रूप में उभारती है। दोनों खिलाड़ी न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी पूरी तरह तैयार नजर आ रहे हैं, जिससे उनकी इस टूर्नामेंट में आगे की राह और भी रोचक हो सकती है।
SL3 और SU5 श्रेणी की विशेषताएँ
यह समझना महत्वपूर्ण है कि SL3 और SU5 श्रेणी के खिलाड़ियों के लिए किस तरह की चुनौतियाँ होती हैं। SL3 श्रेणी के खिलाड़ी शरीर के एक तरफ की मध्यम विकलांगता का सामना करते हैं, जिसमें दोनों पैरों या अंगों की अनुपस्थिति होती है। इससे उनकी गति और खेल की रणनीति पर प्रभाव पड़ता है। वहीं, SU5 श्रेणी के खिलाड़ी अपने ऊपरी अंगों में महत्वपूर्ण विकलांगता रखते हैं, जो उनके शॉट्स की ताकत और दिशा पर असर डालती है। इन श्रेणियों में खेलना एक बड़ी चुनौती होती है, लेकिन नितीश और थुलासीमति ने अपनी विकलांगता को मात देते हुए बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया।
आगामी मुकाबले और उम्मीदें
इस जीत के बाद, नितीश और थुलासीमति के समर्थक उनकी आगे की यात्रा को लेकर काफी उत्साहित हैं। यह जोड़ी अब अपने अगले मुकाबले में अपनी जीत की लय को बरकरार रखने की कोशिश करेगी। भारतीय बैडमिंटन समुदाय भी उनके प्रदर्शन पर नजर रखे हुए है, और उम्मीद की जा रही है कि वे इस टूर्नामेंट में और भी शानदार प्रदर्शन करेंगे। इस जीत ने न केवल उन्हें आत्मविश्वास दिया है, बल्कि उन्हें इस टूर्नामेंट में पदक जीतने के सपने को साकार करने के और भी करीब ला दिया है।